बिहार में चमकी के कहर के बाद राजस्थान में अलर्ट, चिकित्सा मंत्री ने जारी किए निर्देश..सैंकड़ों बच्चों की ले चुका है 'जान'
Encephalitis (Chamki Fever):
Causes, Symptoms : बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानि Chamki
Bukhar से 135 बच्चों की मौत के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है। चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा ( Raghu Sharma ) ने चमकी बुखार से निपटने के सभी इंतजामों को लेकर विभाग के अफसरों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है।
जयपुर।
बिहार में चल रहे 'चमकी बुखार' अब अपने पैर राजस्थान की तरफ भी पसारने लगा है। तेजी से फैल रहे इस वायरल बुखार का कहर देखते हुए राजस्थान में भी अलर्ट जारी हुआ है।
बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम यानि चमकी बुखार (
Encephalitis : Chamki Fever) से 135 बच्चों की मौत के बाद प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में खलबली मच गई है। चिकित्सा मंत्री डॉ रघु शर्मा )
ने चमकी बुखार से निपटने के सभी इंतजामों को लेकर विभाग के अफसरों के लिए अलर्ट जारी कर दिया है।
चिकित्सा मंत्री Raghu
Sharma ने प्रदेश के सभी सरकारी अस्पतालों को चमकी बुखार से निपटने के लिए अलर्ट पर रहने के लिए कहा है। साथ ही अस्पतालों में शिशु रोग विशेषज्ञों, दवाईयों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
ये हैं चमकी बुखार के लक्षण ( chamki
fever symptoms )
- चमकी बुखार में बच्चे को लगातार तेज बुखार रहता है।
- साथ ही बदन में ऐंठन के साथ बच्चा दांत पर दांत चढाए रहता है।
- शरीर में कमजोरी की होने लगती है और बार बार बेहोशी भी रहती है।
- शरीर में लगातार कंपन होने लगता है।
- साथ ही बदन में ऐंठन के साथ बच्चा दांत पर दांत चढाए रहता है।
- शरीर में कमजोरी की होने लगती है और बार बार बेहोशी भी रहती है।
- शरीर में लगातार कंपन होने लगता है।
बुखार का असर इतना भयंकर है कि बच्चे की मौत तक हो जाती है। बिहार में फैला ये बुखार अब तक सौ से अधिक बच्चों की जान ले चुका है।
स्वास्थ्य अधिकारी अलर्ट, निपटने के लिए तैयारियां शुरू
उधर चिकित्सा मंत्री के अलर्ट के बाद चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अफसरों में खलबली मच गई है। जिलों में तैनात मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से चमकी बुखार के मिलते जुलते लक्षणों वाले बीमार बच्चों की जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है।
ऐसे फैलता है 'बुखार चमकी'
( Chamki Fever Causes )
चमकी बुखार फैलने का कारण सामने आ रहा है 'हाइपोग्लिसीन ए और मेथिलीन साइक्लोप्रोफिल ग्लीसीन'-
MCPG, नामक विषैला तत्व। ये तत्व लीची में उतपन्न होते हैं।
बताया जा रहा है कि मानसून के पहले लीची के पकने के दिनों में यह बीमारी फैलती है। लीची के अधिक सेवन से ये जहरीले तत्व बच्चों के सूगर के लेबल को काफी हद तक कम करके उन्हें गंभीर रूप से बीमार कर डालते हैं।
बताया जा रहा है कि मानसून के पहले लीची के पकने के दिनों में यह बीमारी फैलती है। लीची के अधिक सेवन से ये जहरीले तत्व बच्चों के सूगर के लेबल को काफी हद तक कम करके उन्हें गंभीर रूप से बीमार कर डालते हैं।
खबर आभार - राजस्थान पत्रिका
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