हाइलाइट्स:
- मुंबई में 25 साल के कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो गई, उसे कोई दूसरी बीमारी नहीं थी
- मौत से पहले फोन पर कई बार भाई से बात करके प्राइवेट अस्पताल में शिफ्ट करने की बात कही
- दम तोड़ने वाले शख्स की मां भी कोरोना पॉजिटिव, ब्रीच कैंडी अस्पताल में कराया गया है भर्ती
एक हफ्ते पहले तक 25 साल का शख्स अपने डेढ़ साल के बेटे, पत्नी और माता-पिता के साथ खुशहाल जीवन जी रहे थे। 14 अप्रैल को खांसी आने के साथ वह बीमार पड़ा और रविवार को उसकी मौत हो गई। पीछे छोड़ गए वह अपना परिवार, कई सवाल और डराने वाली फोन कॉल्स। शख्स की मौत कोरोना वायरस के चलते हो गई। आखिरी वक्त वह अपने भाई से प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराने की बात कहते रहे।
मृतक ने आखिरी बार अपने बड़े भाई से फोन पर बात की थी। अपने भाई से फोन पर गिड़गिड़ाते हुए उन्होंने कहा था, 'मुझे प्राइवेट अस्पताल ले चलो। मैंने कल से एक घूंट पानी भी नहीं पिया है। किसी ने मेरे ऑक्सिजन मास्क तक नहीं लगाया है। क्या मैं जिंदा बच भी
अस्पताल स्टाफ पर लगाया था आरोप
भाई ने बताया, 'आखिरी बार जब हमने रविवार 5 बजे बात की थी।' उसने कहा था कि कस्तूरबा अस्पताल का मेडिकल स्टाफ उस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। उसी दिन शाम 4 बजे पीड़ित ने कस्तूरबा अस्पताल में ही दम तोड़ दिया, जहां वह तीन दिन पहले पैदल चलकर आया था।
मृतक के भाई ने बताया कि दो प्राइवेट अस्पतालों के मना करने के बाद कस्तूरबा ने 16 अप्रैल को उसे जल्दबाजी में शिफ्ट तो कर लिया लेकिन उन्हें डर था क्योंकि अस्पताल में पीड़ित मरीज की तरफ उतना ध्यान नहीं दिया जा रहा था। एक दिन बाद शख्स के कोरोना पॉजिटिव निकलने पर परिवार के सभी 9 सदस्यों को एक होटल में क्वारंटीन कर दिया
भाई ने बताया, 'आखिरी बार जब हमने रविवार 5 बजे बात की थी।' उसने कहा था कि कस्तूरबा अस्पताल का मेडिकल स्टाफ उस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। उसी दिन शाम 4 बजे पीड़ित ने कस्तूरबा अस्पताल में ही दम तोड़ दिया, जहां वह तीन दिन पहले पैदल चलकर आया था।
मृतक के भाई ने बताया कि दो प्राइवेट अस्पतालों के मना करने के बाद कस्तूरबा ने 16 अप्रैल को उसे जल्दबाजी में शिफ्ट तो कर लिया लेकिन उन्हें डर था क्योंकि अस्पताल में पीड़ित मरीज की तरफ उतना ध्यान नहीं दिया जा रहा था। एक दिन बाद शख्स के कोरोना पॉजिटिव निकलने पर परिवार के सभी 9 सदस्यों को एक होटल में क्वारंटीन कर दिया
प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराने की जिद करता रहा पीड़ित
मृतक के भाई ने बताया, 'हम फोन पर बराबर टच में थे। वह शुरुआत में ठीक लग रहा था लेकिन तब उसे ऑक्सिजन सपोर्ट पर रखा गया था। आखिर तक वह मुझसे कई बार बोलता रहा कि किसी प्राइवेट अस्पताल में शिफ्ट कर दो।' परिजन लगातार पीड़ित को आश्वासन देते रहे कि जैसे ही स्थिति में सुधार होगा वह उसे दूसरे अस्पताल में शिफ्ट करा देंगे।
कॉल करने पर दिया पानी, फिर फोन स्विच ऑफ
मृतक का भाई भी असहाय था क्योंकि उन्हें भी क्वारंटीन किया गया था। भाई ने कस्तूरबा के लैंडलाइन नंबर पर कई बार कॉल किया और वॉर्ड 30 की नर्सों से भी बात की जहां मरीज भर्ती था। भाई ने बताया, 'जब मैंने कॉल किया तब उसे पानी दिया गया। उन्होंने उसे ऑक्सिजन मास्क भी लगाया था लेकिन उन्होंने बताया कि वह उसे बार-बार हटा रहा है। मेरे कई बार कॉल करने पर किसी ने मेरे भाई का फोन भी स्विच ऑफ कर दिया। इसके बाद वह बात नहीं कर सका।'
मौत के बाद भाई को देख भी न सका
कस्तूरबा अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. चंद्रकांत पवार ने बताया कि वॉर्ड में 8 नर्सें हैं और यह असंभव है कि मरीजों को देखा नहीं जा रहा है। मृतक के भाई ने बताया कि उन्हें मौत के बाद अस्पताल में पेपर साइन करने के लिए बुलाया गया लेकिन उसे देखने की इजाजत नहीं मिली। भाई ने बताया, 'उसका अंतिम संस्कार भी निकाय कर्मचारियों ने कर दिया।' सोमवार को मृतक की मां की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव निकली और उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल ले जाया गया।
मृतक का भाई भी असहाय था क्योंकि उन्हें भी क्वारंटीन किया गया था। भाई ने कस्तूरबा के लैंडलाइन नंबर पर कई बार कॉल किया और वॉर्ड 30 की नर्सों से भी बात की जहां मरीज भर्ती था। भाई ने बताया, 'जब मैंने कॉल किया तब उसे पानी दिया गया। उन्होंने उसे ऑक्सिजन मास्क भी लगाया था लेकिन उन्होंने बताया कि वह उसे बार-बार हटा रहा है। मेरे कई बार कॉल करने पर किसी ने मेरे भाई का फोन भी स्विच ऑफ कर दिया। इसके बाद वह बात नहीं कर सका।'
मौत के बाद भाई को देख भी न सका
कस्तूरबा अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. चंद्रकांत पवार ने बताया कि वॉर्ड में 8 नर्सें हैं और यह असंभव है कि मरीजों को देखा नहीं जा रहा है। मृतक के भाई ने बताया कि उन्हें मौत के बाद अस्पताल में पेपर साइन करने के लिए बुलाया गया लेकिन उसे देखने की इजाजत नहीं मिली। भाई ने बताया, 'उसका अंतिम संस्कार भी निकाय कर्मचारियों ने कर दिया।' सोमवार को मृतक की मां की रिपोर्ट भी कोरोना पॉजिटिव निकली और उन्हें ब्रीच कैंडी अस्पताल ले जाया गया।
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