वर्ल्ड कप / धोनी ने ग्लव्स पर ‘बलिदान बैज’ लगाकर पैरा फोर्स को सम्मान दिया, आईसीसी ने हटाने को कहा
- · धोनी को 2011 में सेना में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी गई थी
- · धोनी एक प्रशिक्षित पैरा ट्रूपर हैं, उन्होंने पैरा बेसिक कोर्स किया था
खेल. दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ भारत ने वर्ल्ड कप में अपना पहला मैच खेला। इस मैच में भारतीय विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी ने अनोखे अंदाज में पैरा स्पेशल फोर्स को सम्मान दिया। मैच के दौरान उनके ग्लव्स पर ‘बलिदान बैज’ का चिह्न दिखा। हालांकि, इंटननेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने धोनी के ऐसे ग्लव्स पहनने पर आपत्ति जताई है। उसने बीसीसीआई से धोनी के विकेटकीपिंग ग्लव्स से ‘बलिदान बैज’ या पैरा स्पेशल फोर्स के रेजिमेंटल निशान को हटाने के लिए कहा है।
धोनी मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक पाने वाले दूसरे क्रिकेटर
1. ‘बलिदान बैज’ के चिह्न का इस्तेमाल हर कोई नहीं कर सकता। इसे सिर्फ पैरा कमांडो ही लगाते हैं। पैरा स्पेशल फोर्स को आमतौर पर पैरा एसएफ कहा जाता है। यह भारतीय सेना की स्पेशल ऑपरेशन यूनिट होती है। पैरा स्पेशल फोर्स ने ही 2016 में पाक के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में घुसकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी।
2.
‘बलिदान बैज’ पैराशूट रेजिमेंट के विशेष बलों के पास होता है। इस बैज पर ‘बलिदान’ लिखा होता है। धोनी को 2011 में सेना में मानद लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक दी गई थी। वे यह सम्मान पाने वाले दूसरे क्रिकेटर हैं। उनसे पहले कपिलदेव को यह सम्मान दिया गया था।
3.
धोनी ने पैराट्रूपिंग की ट्रेनिंग ली है। उन्होंने पैरा बेसिक कोर्स किया। धोनी ने पैराट्रूपर्स ट्रेनिंग स्कूल (पीटीएस), आगरा में भारतीय वायुसेना के विमान एएन-32 से पांचवीं छलांग लगाकर पैरा विंग्स प्रतीक चिह्न लगाने की योग्यता प्राप्त की थी।
4.
ट्विटर पर यूजर्स ने धोनी की तारीफ की। एक यूजर ने लिखा, ‘उन्होंने देश और सेना के लिए अपने प्यार को दिखाया।’ एक अन्य यूजर ने लिखा, ‘यही कारण है कि हम धोनी से प्यार करते हैं। हमारे सैन्य पैरा स्पेशल फोर्स के प्रति प्यार और समर्थन दिखाने के लिए आपका धन्यवाद।’
nNews Source -Dainik Bhaskar
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